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Lucknow Kisan Mahapanchayat: बीकेटी महापंचायत में राकेश टिकैत की हुंकार, जमीन-खाद-एमएसपी सहित कई मांगों को लेकर सरकार को दी चेतावनी

बीकेटी महापंचायत में गरजे राकेश टिकैत, जमीन, खाद और एमएसपी पर सरकार को चेतावनी

Lucknow Kisan Mahapanchayat: लखनऊ के बीकेटी क्षेत्र में आयोजित महापंचायत(Lucknow Kisan Mahapanchayat) में राष्ट्रीय किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने किसानों के हक़ में ज़ोरदार आवाज़ बुलंद की। महापंचायत में बड़ी संख्या में किसानों की मौजूदगी के बीच टिकैत ने केंद्र और प्रदेश सरकार की नीतियों पर तीखा हमला बोला और कहा कि किसान लगातार शोषण का शिकार हो रहा है।

राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने किसानों को बीज कानून 2025 के खतरों से आगाह करते हुए कहा कि यदि यह कानून लागू हुआ तो फसल खराब होने की स्थिति में किसान बीज कंपनियों के खिलाफ शिकायत तक नहीं कर पाएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कानून किसानों की सुरक्षा नहीं बल्कि कंपनियों के हित में बनाया गया है। टिकैत ने कहा कि इस कानून के प्रभावी होते ही जीएम (जेनेटिकली मॉडिफाइड) बीजों की बिक्री का रास्ता पूरी तरह साफ हो जाएगा, जिससे किसानों की निर्भरता बड़ी कंपनियों पर बढ़ जाएगी।

उन्होंने बिजली संशोधन बिल और स्मार्ट मीटर के मुद्दे पर भी किसानों का आह्वान करते हुए कहा कि स्मार्ट मीटर के माध्यम से खेती को और महंगा किया जाएगा। टिकैत ने कहा कि देश में पूंजीवाद तेजी से हावी हो रहा है और इसका सीधा असर किसान, मजदूर और आम जनता पर पड़ रहा है।

एमएसपी को लेकर राकेश टिकैत ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी गारंटी दिलाने के लिए बड़े आंदोलन और लंबे संघर्ष की तैयारी करनी होगी। उन्होंने किसानों से एकजुट रहने का आह्वान किया।

महापंचायत के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) के नेतृत्व में किसानों की समस्याओं को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री को नामित 11 सूत्रीय ज्ञापन एडीएम वित्त एवं राजस्व लखनऊ राकेश कुमार को सौंपा गया। ज्ञापन में लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) की नैमिष नगर योजना, आईटी सिटी एवं वेलनेस सिटी परियोजनाओं में किसानों के शोषण का मुद्दा प्रमुखता से उठाया गया।

इसके अलावा एक ही तहसील के किसानों को समान मुआवजा देने, आवास विकास परिषद से जुड़ी समस्याओं, विशेष रूप से किसानों की भूमि की रजिस्ट्री पर लगी रोक को हटाने की मांग की गई। किसानों को समय पर खाद न मिल पाने, साधन सहकारी समितियों पर धान की शत-प्रतिशत खरीद सुनिश्चित करने और नहरों की टेल तक पानी पहुंचाने की मांग भी ज्ञापन में शामिल रही।

ज्ञापन में आवारा पशुओं से किसानों को निजात दिलाने की मांग करते हुए कहा गया कि इससे किसानों की फसलें लगातार बर्बाद हो रही हैं। किसान नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने जल्द समाधान नहीं किया तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।

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